व्हिस्पर्स फ़्रॉम द ब्राइटर वर्ल्ड 1944, इस संसार से परे की महान प्रज्ञा रूपी आध्यात्मिक सम्पदा है। पूज्य लालाजी और अन्य महान विभूतियों के संग हुए बाबूजी महाराज के अंत:संचार का यह एक ऐतिहासिक वृत्तांत है। उन्होंने बड़ी निष्ठापूर्वक अपनी डायरियों में इन्हें दर्ज किया था। इस श्रृंखला का पहला भाग मई 1944 से अक्टूबर 1944 के बीच हुए वार्तालाप को समाहित करता है। उस वक्त बाबूजी को लालाजी के आध्यात्मिक प्रतिनिधि के रूप में घोषित नहीं किया गया था, और श्री रामचंद्र मिशन का औपचारिक रूप से गठन भी नहीं हुआ था; इन दोनों योजनाओं की तैयारी चल रही थी क्योंकि यह बड़ी-बड़ी घटनाओं और बदलावों का दौर था। लालाजी और बाबूजी के बीच हुए ये गहन वार्तालाप हमें गुरु और शिष्य के बीच एक आदर्श सम्बन्ध की झलक प्रस्तुत करते हैं।
Volume 1 - May'1944 to October'1944 |
Volume 3 - April'1945 to April'1946 |
Volume 2 - October'1944 to April'1945 |
Volume 4 - April'1946 to June'1955 |
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